नारायणी नमोस्तुते
दुर्गा रूप धारणी , शक्ति अवतरणी
पाप संहारणी ,नमोस्तुते ! हे नारायणी
हे नारी !
तेरा तेज हज़ारो सूर्य के सामान है
जो अद्भुत आभा बिखेरती है
हे देवी ,तेरी भाव महिमा
असंख्य अभिव्यक्ति प्रेषित करती है
स्वर्णिम ये अलंकार तुझे
अनंत ,अप्रितम छवि प्रदान करते है
जो परिभाषा से पर है
तेरी रचना अलोकिक है
तेरी उपस्तिथि अकर्षणीये है
तेरा अलंकृत रूप सम्मोहित छवि है
हे नारायणी तुझे शत शत नमन है।
या देवी सर्वे भुतेशु शक्ति रुपणे संसिथा
या देवी सर्वे भुतेशु बुधि रुपणे संसिथा
या देवी सर्वे भुतेशु लक्ष्मी रुपणे संसिथा
नमस्तस्यै , नमस्तस्यै नमो: नमः
जय दुर्गा नमोः
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