जिंदगानी चिन्ता की सेज़ पर , पिंघलतीं है जिंदगी। अंगारों की मेज़ पर , जलती है जिंदगी। दरिया में पानी की तरह , पथ्थरो से टकराती है जिंदगी। रुक ज…
लूटती जनता जनता पूछती है सियासत के कद्रदानों से , कहा थे जब लोग लूट मर रहे थेअस्पतालों में ऑक्सीजन दवा नही मिली दवाखानों में , लोग रोड पर तड़फते…
इंसान बना भगवान भगवान तूने इंसान को क्या इंसान बनाया, जालिमो ने धरती को शमशान बनाया। किसी को हिन्दू दलित मुसलमान मसीही बनाया, किसी के …
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