ek kahani
रामनिवास अपने घर में एक बालक की किलकारी सुनने के लिए तरस रहा था कह रहा था भगवन शिव जी महाराज मेरी प्रार्थना जरुर पूरी करेंगे , हे प्रभु मुझे एक बालक का वरदान दे दीजिये , में आपके मंदिर में पांच सॊ रूपये का प्रसाद भेट करूँगा , कुछ महीनो बाद ..बालक का जनम हो गया /
दिन निकल गए ..रामनिवास ने सोचा भगवान का किया वायदा पूरा करना है पांच सॊ का प्रसाद भेट करना है फिर सोचा भगवान को पांच सॊ रूपये का क्या फायदा ? उनके लिए तो कागज़ है चलो नारियल चढ़ा देता हु उसकी भी तो तीन आंखे होते है भगवान शिव की तरह, बाज़ार गया और मंदिर के सामने नारियल का भाव पूछा, पांच नारियल कितने के है दुकानदार बोला १०० रूपये के पांच , यह कीमत तो बहुत जयादा है दुकानदार बोला यह कीमत जायदा है तो सीधा किसान से खरीद लो , ५० रूपये के पांच मिल जायंगे।
रामनिवास सीधा किसान के पास गया और मोल भाव करने लगा। किसान क्रोध में बोला अगर भाव जयादा लग रहा है तो सीधा पेड़ पर चढ़ कर नारियल तोड़ लो। यह सुन कर वह पेड़ पर चढ़ने लगा और ज़मीन पर धढ़ाम से गिर गया। लोगों ने उठाकर हॉस्पिटल पहुचाया डॉक्टर ने कहा फिक्र मत करो मै तुम्हारा इलाज कर दूंगा बस फीस १००० रूपये लूँगा रामनिवास को अब बात समाज में आ गए थी कमर टूटने के बाद।--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
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