सोनी सॉरी vs पोलीस थाना
सोनी सॉरी एक नारी है ,
आदिवासी होने की मारी है ,
जिसमे उसपर ज़ुल्म किया ,
वो जैल का अधिकारी है ..
इज़्ज़त तार तार किया सारा ,
पीसा , कुचला . जानवर सा मारा,
राक्षस की रूह को फिर धारा,
जानवर सा बलात्कार किया ,
उस बेसहारा !
कैसा ये सरकारी ख़ाता है ,
जो शिकायत ले थाने जाता है ,
अपनी आप बीती बताता है ,
मदद की गुहार लगाता है ,
वो आदिवासी कहलाता है ,
बेशर्म ! उसे ही नक्सली बताता है …
अपना ख़ाता साफ रखा ,
सब control है !! जनाब !!
यह report दिखा !
26 जनवरी को लाल किले आ ,
प्रधान मंत्री को सलाम किया ,
पोलीस मेडल वही राक्षस ,
वही ले गया !!
सोनी सॉरी धकके खाती है ,
जैल से क्रांति चलती है ,
सबको क्रांति के लिए जागती है ,
अपना सच जैसे तैसे बतलाती है,
देश के अंधे क़ानून से ,
इंसाफ़ की गुहार लगाती है …
उठो ,
जागो ,
कमर कसो ,
इस छेदो वाली छाननी का ,
क्रांति से हर छेद भरो !!
@ राहुल योगी देवेश्वर
Source : https://sonisori.wordpress.com/poems
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