इंसान बना भगवान
भगवान तूने इंसान को क्या इंसान बनाया,
जालिमो ने धरती को शमशान बनाया।
किसी को हिन्दू दलित मुसलमान मसीही बनाया,
किसी के कामकाज को ही उसकी जात बताया।
मजहब के नाम पर निर्दोषों का खून बहाया,
नफरत के नाम पर मानवता का सर झुकाया।
प्रदुषण से धरती को कूड़े का ढेर बनाया,
जहरीली हवा ने भी हमको बीमार बनाया।
खुद बन बैठा भगवान अब इंसान भी,
पोस्टर बना कर दीवार पर तुझको लटकाया।
मूर्ख बनाकर तेरे नाम से खूब कमाया,
तू कहा गुम हो गया धरती पर आओ प्रभु जी।
नरक बनी धरती को स्वर्ग बनाओ जी,
इंसानी शैतान को इंसान तो जरा बनाओ जी ।। 🐉
हे भगवान ..........
रचित: कमल कुमार
15/04/2021
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