भारत से भूटान की यात्रा कैसे करे पार्ट 1
भूटान हिमालय की पहाड़ियों से ढका हुआ है, जहां आपको कई रहस्यमय चीजें और कथाएं सुनने को मिल जाएंगी। ऐसा माना गया है कि दुनिया के सबसे खुश लोग भूटान के होते हैं। अगर आपको हिमालय के हसीन नजारे, शांत बौद्ध मठ और मॉल रोड पर मस्ती करना पसंद है, तो ये देश आपके लिए परफेक्ट है। भूटान पूरे विश्व का पहला और एकमात्र कार्बन का अवशोषण करने वाला देश है। यहां कार्बन का अवशोषण उत्पादन की तुलना में काफी अधिक है।
भारत से भूटान कैसे पहुंचे
हवाई से भूटान तक कैसे पहुंचे?
पारो भूटान का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है और दिल्ली, बागडोगरा, गुवाहाटी और मुंबई से उड़ानों को जोड़ता है। आप कोलकाता से पारो तक सीधी उड़ानें ले सकते हैं इसलिए, भूटान पहुंचने के लिए कोलकाता से उड़ानों की अधिक मात्रा है। कोलकाता और बागडोगरा की तुलना में दिल्ली और मुंबई से उड़ानों की संख्या कम है। ड्राक एयर भूटान की राष्ट्रीय एयरलाइन है और उड़ानें केवल इस एयरलाइन की आधिकारिक वेबसाइटों के माध्यम से बुक की जा सकती हैं।
अगर आप नेपाल के माध्यम से यात्रा कर रहे हैं, तो आप काठमांडू से पारो तक सीधी उड़ानें ले सकते हैं। आप काठमांडू से पारो तक सबसे रोमांचक यात्रा का अनुभव कर सकते हैं क्योंकि हवाई जहाज दुनिया के चार उच्चतम पर्वतों पर गुजरता है। भूटान के सभी अन्य प्रमुख शहर घरेलू एयरलाइनों के साथ अच्छी तरह से जुड़े हुये हैं।
सड़क से भूटान तक कैसे पहुंचे
भूटान की सड़क यात्रा पर जाना चाहते हो? सड़क के द्वारा भूटान तक कैसे पहुंचने के बारे में जानने की जरूरत है।
जो भारतीय सड़क से भूटान जाने की इच्छा रखते हैं, उन्हें फूएंसोल्लिंग में भूटान की शाही सरकार के आप्रवासन कार्यालय से ‘प्रवेश परमिट’ प्राप्त करने की आवश्यकता है, जो पश्चिम बंगाल के जयगांव के साथ भारत-भूटान सीमा पर स्थित है। लेकिन यह ‘एंट्री परमिट’ एक भारतीय पर्यटक को पारो और थिम्फू को केवल यात्रा करने की अनुमति देता है। यदि आप थिंपू और पारो से आगे जाना चाहते हैं, तो आपको थिंपू में भूटान आप्रवासन कार्यालय की रॉयल सरकार से ‘विशेष क्षेत्र परमिट’ प्राप्त करने की आवश्यकता है। रॉयल भूटान वाणिज्य दूतावास कार्यालय में कोलकाता से वीजा की व्यवस्था करना भी संभव है। आपकी यात्रा से 10-12 दिन पहले आवेदन करना बेहतर है। लेकिन आजकल कोलकत्ता से परमिट देना बंद कर दिया है /
सड़क से भूटान तक पहुंचने के लिए, आपको भारत में तीन सीमा बिंदुओं के माध्यम से जाना होगा। वे एक हैं अ) जयगांव – फुएंसोलिंग बॉर्डर, ब) गेलफू और स) समदरग जोंगखार। जयगांव – फुएंससोलिंग सीमा को अधिकांश यात्रियों द्वारा पसंद किया जाता है क्योंकि यह आसानी से सुलभ है और आप आसानी से प्रवेश परमिट प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप तंग बजट पर हैं, तो आप स्थानीय बसों से यात्रा कर सकते हैं या फिर भूटान के भीतर यात्रा करने के लिए कार या जीप को किराए पर ले सकते हैं। बागडोग्रा हवाई अड्डे से फूएंसोलिंग तक पहुंचने में 4 घंटे लगते हैं और फुहंसोलिंग से थिंपू तक पहुंचने में लगभग 6 घंटे लगते हैं। निजी टैक्सियों और बसों को बागडोगरा, न्यू जलपाईगुड़ी और सिलीगुड़ी से भी उपलब्ध है जो सेवोक रोड पर राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 31 को जोड़ता है और आपको थिंपू ले जाएगा।
भूटान में घूमना-फिरना
• जब भी आप किसी जगह पर पहुँचते हैं तो वहाँ घूमने-फिरने के लिए किसी पास के बस या टैक्सी स्टैंड पर जाकर पूछताछ कीजिए। ये याद रखिए कि सभी जगहों पर बस की सुविधा उपलब्ध नहीं होती। हो सके तो पहले से ही बुकिंग करा लें और उसी हिसाब से अपनी ट्रिप का प्लान बनाएँ, वरना काफी परेशानी होगी।
थिंपू में दो बस स्टैंड हैं। एक है सिटी बस स्टैंड और दूसरा है थिंपू बस स्टैंड (RTSA)। सिटी बस स्टैंड से आपको पास की जगहों पर जाने के लिए बस मिल जाएगी। लेकिन थिंपू बस स्टैंड से भूटान के बड़े शहरों में जाने के लिए ही बस मिलेंगी।
• टैक्सी के मुकाबले सिटी बस काफी सस्ती पड़ती हैं। भूटान में आपको बस में चढ़ने के लिए पहले से ही टिकट लेनी पड़ती है, ऐसा नहीं है कि आप कहीं भी बस में चढ़े और कंडक्टर को पैसे देकर टिकट ले ली। बसों के लिए टिकट आप सिटी बस स्टैंड और कुछ चुनिंदा दुकानों से खरीद सकते हैं।
• थिंपू से पारो जाने के लिए सीमित संख्या में ही बस उपलब्ध हैं। धुग ट्रांसपोर्ट की दो बसे रोज़ाना चलती हैं, एक सुबह 9 बजे और दूसरी दोपहर 2 बजे। एक या दो बसें किसी और भी ट्रांसपोर्ट की चलती हैं लेकिन उनकी पहले पूछताछ कर लें।
• दावा ट्रांसपोर्ट की दो बसें पारो से फवेनशॉलिंग (Phuentsholing) जाती हैं। एक सुबह 9 बजे और दूसरी दोपहर में 2 बजे। मेटो ट्रांसपोर्ट की भी 3 बसें हैं जो सुबह 8:30, 9:00 और दोपहर 2 बजे निकलती हैं। लेकिन इनके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता इसलिए भारत पेट्रोलियम पंप के सामने बने इनके ऑफिस से पूछताछ कर लें।
फुएन्त्शोलिंग
• पारो से टाइगर्स नेस्ट जाने के लिए कोई भी कैब ड्राइवर एक व्यक्ति के 300 से लेकर 500 रुपये तक लेगा। अगर आप कुछ पैसे बचाना चाहते हैं और आपको थोड़ा पैदल चलने में कोई परेशानी नहीं है तो ड्राइवर को बोलिए कि वो आपको टाइगर्स नेस्ट जंक्शन पर उतार दे। इसके लिए शेयरिंग कैब में आपको 50 रुपये देने होंगे। यहाँ से ट्रैक के शुरुआती पॉइंट तक पहुँचने के लिए 1.15 घंटे का समय लगेगा। ये सड़क शानदार है और यहाँ आप कुछ अच्छी फोटो क्लिक कर सकते हैं। आपका पैदल चलना बेकार नहीं जाएगा।
• अपना परमिट हमेशा अपने साथ रखें क्योंकि चेक पोस्ट पर इसकी जरूरत पड़ती रहती है। मैंने अपना परमिट अपने बैग में रख दिया था जिसे कैब की छत पर से उतारने में थोड़ा वक्त लग गया। ये ड्राइवर अपने टाइम के पक्के होते हैं इसलिए वो मुझसे थोड़ा गुस्सा भी हो गया था।
भूटान में खाना-पीना
• भूटान में नॉन-वेज खाना हर कोने में मिल जाता है। वैसे वेजीटेरियन फूड मिलना इतना भी मुश्किल नहीं है लेकिन अगर अच्छा वेजीटेरियन चाहिए तो इसको ढूंढने में थोड़ा समय बिताना पड़ेगा।
• भूटान में शराब सस्ती है। ये हर स्टोर और शॉपिंग मॉल में मिल जाएगी। ये ऐसा है जैसे आपको भारत में केक मिल जाता है। लेकिन सिगरेट लगभग बैन हैं इसलिए मंहगी भी है। आप रेड राइस बीयर ट्राई कर सकते हैं, जो टेस्ट में काफी अच्छी है।
• भूटान में मेरे एक दोस्त ने कहा कि भारत के पास 20 तरह के मसाले हैं लेकिन भूटान में सिर्फ एक है और वो है मिर्च। ये इसे अपने हर खाने में डालते हैं. मैंने सिर्फ मिर्च से बना हुआ खाना भी देखा। ये भारत में मिर्च से बने हुए खाने से ज्यादा गर्म और तीखा होता है।
भूटान में कहाँ रहें?
हाँ, भूटान में ठहरना आपको थोड़ा महंगा पड़ सकता है। लेकिन अगर आप चाहें तो अपने बजट का होटल ढूंढ सकते है। आपको सड़क पर उतरना होगा और हर कोने को सर्च करना होगा।
• जयगांव में जाकर हनुमान मंदिर धर्मशाला के बारे में पता करें। मैंने सुना है कि 10 रुपए की कम कीमत में भी एक रात के लिए कमरा देते हैं। लेकिन यहाँ अक्सर पहले से ही बुकिंग होती है क्योंकि ये शादी के लिए अपनी बिल्डिंग किराए पर दे देते हैं।
• आप जयगांव में ही साहू सेवा ट्रस्ट जा सकते हैं। यहाँ के रूम और टॉयलेट साफ सुथरे होते हैं। इसके लिए एक रात का किराया दो लोगों के लिए 300 रुपए पड़ेगा।
• पारो में होटल टैंडिन में जा सकते हैं। वो एक रात रुकने के लिए 700 रुपए लेते हैं, जिसमें आपको डबल बेड और टीवी मिलता है जो उस जगह पर बाकी होटलों के मुकाबले सस्ता ही है, इनके यहाँ इंडियन फूड का रेस्टोरेंट भी है। आप शेफ्स होटल भी जा सकते हैं जो कि होटल टैंडिन के पीछे है।
भूटान से जुड़ी कुछ ज़रूरी बातें
• परमिट लेने के लिए आपको इन चीजों का ध्यान रखना होगा और ४/५ फोटो कॉपी रख ले /
1)आपकी हाल की पासपोर्ट साइज फोटो
2) वैध पासपोर्ट और वीजा (ये भारतीय, बांग्लादेशी और मालदीव वालों को छोड़कर बाकी सबके के लिए जरूरी है) या वोटर आई कार्ड
3) होटल कन्फर्मेशन की कॉपी
4) ट्रैवल आइटनरी / यात्रा विवरण
• ये डॉक्यूमेंट्स की लिस्ट इमीगिरेशन ऑफिस के नोटिस बोर्ड पर मिल जाएगी। आइटनरी के लिए, एक कोरे कागज पर तारीख, सोर्स और जिन जगहों पर घूमना है और रहने वाले हैं, ये सब लिखें। एक सेट बना लें, जिसमें परमिट एप्लिकेशन, डॉक्यूमेंट्स की कॉपी और फोटो हो।
• अगर आप स्टूडेंट हैं तो अपना स्टूडेंट आई कार्ड ले जाना न भूलें। इमिग्रेशन ऑफिस में आपसे ये दिखाने के लिए कहा जा सकता है। इस कार्ड के कई फायदे भी आपको मिलेंगे भूटान में कई जगहों की एंट्री पर आपको 50% की छूट मिल जाएगी।
• इमिग्रेशन ऑफिस में परमिट दिखाकर आप सरकार का बी-मोबाइल (भूटान टेलीकॉम) सिम कार्ड खरीद सकते हैं। इसका नेटवर्क कवरेज इतना अच्छा है कि आपको फजोडिंग मठ की ऊँचाई पर भी नेटवर्क मिलेगा। इस सिम कार्ड से इंटरनेट यूज करने के लिए आपको अपने APN में कुछ बदलाव करने होंगे।
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