चरित्र शंका : एक सत्य कहानी
रात के करीब 10 बजे थे एक सफेद रंग की कार कोरबा बिलासपुर हाईवे अंदर की तरफ जंगल जाने वाली छोटी कच्ची सड़क पर खड़ी थी ।जहाँ लोगो का आना जाना कम था ।
लेकिन फारेस्ट में कार्य करने वाला रामु अपनी ड्यूटी खत्म कर घर जा रहा था उसने देखा कि एक सफेद रंग की कार खड़ी है उसमें आगे की सीट पर एक महिला जिसकी उम्र 30 वर्ष के करीब होगी ।अचेत पड़ी है ।
उसने करीब से खिड़की में से झाक कर देखा उसे लगा शायद सोई हुई है और साथ मे कोई और होगा आसपास किसी के घर गया होगा ।लेकिन आज पास कोई मकान नही था जंगल ही जंगल था फिर ये यहा कैसे ?
रामु ने कार के सीसे को खटखटाया पर कोई उत्तर नही मिला ।उसने धीरे से दरवाजा खोला तो वह महिला बाहर की तरफ गिरने लगी उसने आवाज़ लगाई मैडम उठये लेकिन नही उठी तो वो घबरागया गया और दरवाजा बंद कर आगे की और चल दिया अपनी जेब से मोबाइल निकल और 100 पर पुलिस कंट्रोल रूम को लगया ।
उधर से कोई बोला हाँ क्या बात है । सर जी , यहां एक कार में महिला की लाश पड़ी है और कार में कोई नही है । अच्छा तुम रुको हम आते है । तुम कोन सी जगह से बोल रहे हो । सर , हाइवे से बोल रहा हु राजू ढाबे के पास वाली रोड से । ओ के आते है ऐसा कहकर पुलिस ने फ़ोन रख दिया ।
अभी फ़ोन रखा ही था कि किसी का फिर फ़ोन आया साहेब , मुझे डकैतों ने लूट लिया है और मेरी पत्नी की हत्या कर दी है उसने कार नंबर और लोकेशन बताई । पुलिस कंट्रोम को अंदाज हुआ कि दोनों की लोकेशन एक ही है । थाना इंचार्ज अनुज कुमार ने टीम को बुलाया और जीप उठाकर लोकेशन की तरफ चल दिये ।
इंस्पेक्टर अब टीम के साथ पहुच चुके थे महिला बेसुध पड़ी चेक किया तो वो खत्म हो चुकी थी । फ़ोन करने वाले शक्श ने आदाब किया और कहा सर , ये मेरी पत्नी शुसीला है हम बिलासपुर वापिस जा रहे थे मैं बाथरूम करने के लिए बाहर निकल कर गाड़ी में आ रहा था तभी चार पांच डैकत मुह पर कपड़ा बंधे पीछे से आकर हमको मारना पीटना शुरू कर दिया और सब कुछ छीन लिया और मेरी पत्नी का गला दबा कर हत्या कर दी ।और रो रो कर चिल्लाने लगा सर, मैं लूट गया ।
इंपेक्टर ने ढांढस बंधाते हुए चुप कराया । और पूछा भाईसाहब , आपका नाम क्या है ।
सर , मेरा नाम प्रेम लाल है और मै बिज़नेस करता हु मेरी बिलासपुर में दुकान है हम यहा बिज़नेस के सिलसिलें में आये थे वापिस जा रहे थे ।
ठीक है इंपेक्टर ने कहा । पुलिस टीम ने बॉडी का पंच नामा कर जिला अस्पताल में पोस्टमार्डम के लिए भेज दिया । और रामु और उपस्थित लोगों के बयान दर्ज किए । और कार को जपत कर लिया । तथा लूटे हुए समान की लिस्ट मांगी ।।
आज पांच दिन के बाद पुलिस के पास पोस्ट मोर्डम की रिपोर्ट आयी ।इंस्पेक्टर अनुज गौर ने पढ़ा ,उसके गले मे रस्सी के निशान थे और हाथों में भी चोट के मार्क थे अनुज को समझते देर नही लगी कि किसी ने उसका गला दबाया है लेकिन किस ने?
इंस्पेक्टर अनुज ने वीरेंद्र को बुलाया और क्षेत्र में डैकत गुंडों की लिस्ट मांगी जो हाईवे पर इस तरह की वारदात करते है । तापशीष में पता चला कि उस दिन कोई डकैती उस क्षेत्र में नही हुई।
इंस्पेक्टर अनुज का शक सीधा पति प्रेम लाल पर हुआ । और पकड़ कर थाने लेकर आये फिर उसने वही कहानी बताई ।
इंस्पेक्टर अनुज सुनता रहा और उसके झुठ पर झल्ला उठा और दो तीन झापड़ राशिद कर दिए साले सच बोल वार्ना पीट पीट कर बुरा हाल कर दूंगा ।कांस्टेबल वीरेंद्र को बुलाया और कहा ले जाओ साले को धौ दो जब तक सच न बोले । प्रेम लाल की डर के मारे हालात खराब थी कमजोर दिमाक का होने के कारण सच उगल दिया ।
सर, मरने वाली मेरी पत्नी शुशीला है जो स्कूल में टीचर है और मास्टर डिग्री की है पांच साल पहले बिलासपुर में मेरी शादी हुई थी सब ठीक था लेकिन कुछ समय से वो मोबाइल पर अपने विवाह से पहले के मित्रों से बात करती थी वो चरित्रहीन थी सर ।तेरे पास क्या सबूत है क्या देखा तूने ।सर मेरे पास कोई सबूत नही है ।उधर सुशील के माता पिता भी पुलिस थाने पहुच गए थे उन्होंने कहा सर , इसने ही हमारी बेटी का खून कर दिया है इसे शक की बिमारी है रोजना शक कर करके जिंदगी नरक बना दी इसने ।ये खुद मिर्गी का मरीज है सेक्स करते करते दौरा पड़ जाता है शादी से पहले कुछ नही बताया । घूमने के बहाने ले जाकर मार दिया साहेब ,इसको फांसी पर चढ़ाओ सर ।
प्रेम लाल को इंस्पेक्टर ने एक और तमाचा लगाया । बता साले कैसे मारा। सर, मैंने नही मारा ।फिर किसने मारा । बताता हूं सर । हा मैंने अपने नौकर चंदू उसकी पत्नी और बेटे को इस काम के लिए एक लाख का ऑफर दिया और वो इस काम को करने के लिए तैयार हो गए ।। हम सब शुशीला के साथ कोरबा गए और पूरे दिन घुमनेके बाद वापस आ रहे थे प्लान के मुताबिक गाड़ी को जंगल की तरफ ले लाये और मैं बाथ रूम के बहाने से बाहर आ गया । पीछे के सीट पर नौकर चंदू ओर उसका परिवार था प्लान के मुताबिक नौकर ने पीछे से शुशीला के गले में रस्सी डालकर गला घोंट दिया और कुछ समय मे शुशीला की मौत हो गयी और फिर वहा से भाग गए । उसके बाद मैंने ने ही आप को फ़ोन लगाया सर ।
प्रेम लाल की जिंदगी खराब हो चुकी थी शक और चरित्र हीनता के चक्कर मे इतना बड़ा कदम उठा लिया जिसकी सजा उम्र कैद होगी । सब जेल में अंदर थे और जल्द ही सजा होने वाली थी ।
अगर शक था तो तलाक लेकर दूसरी ला सकते थे बिना वजह एक सुंदर लड़की को मौत की नींद सुला दिया । सही कहते है शक का कोई इलाज नही ये तो आपको जेल पहुचा देगा ऐसा ही हुआ इस केस में ।
अगर पति पत्नी चरित्र को लेकर शक करते है तो आपस मे बात कर सुलझाए नही तो तलाक लेकर अपनी अपनी जिंदगी जिये एक दूसरे की हत्या न करे।।एक सत्य घटना पर आधारित ।
लेखक : कमल कुमार आज़ाद
26 जून 2021
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