संत रविदास वचन जीवन चार दिवस का मेला रे, बाह्मण झूठा वेद भी झूठा झूठा सब चेला रे ।। मंदिर भीतर मूर्ति बैठी पूजता बाहर चेला रे लड्डू भोग चढ़ाती जनत…
Social Plugin